जयपुर : स्वच्छता के लिए केंद्र और राज्य सरकारें बड़े स्तर पर मुहिम चलाकर जन जागरण का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में प्रदेश की भजनलाल सरकार भी अब साफ सफाई को लेकर सख्त रुख अपना रही है। अब गांवों और सार्वजनिक स्थानों पर यदि गंदगी पाई गई तो पंचायत प्रशासन पर कार्यवाही हो सकती है।
पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने एक आदेश जारी किया है जिसमें बताया गया है कि यदि गांवों में गंदगी पाई गई तो साफ सफाई का निरीक्षण करने वाले जेईएन और एईएन के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री ने यह स्पष्ट करते हुए बताया कि स्टेट फाइनेंस कमिशन की 40 प्रतिशत राशि प्रत्येक ग्राम पंचायत में साफ सफाई के लिए खर्च करनी होती है, सफाई के नाम पर पैसा उठाया जाता है लेकिन सफाई नहीं की जाती है, ग्राम पंचायतों के ठेकेदारों द्वारा केवल खानापूर्ति की जाती है। ऐसे में अब अगर साफ सफाई उचित प्रकार से नहीं मिली तो विकास अधिकारी और सफाई ठेकदार के विरुद्ध कार्यवाही होगी।
हाल ही में पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने एक ग्राम पंचायत में औचक निरीक्षण किया जिसमें साफ सफाई में कमी पाई गई जिसके चलते बस्सी की दो ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही कानोता वीडियो और बेनाड़ा विडियो को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। मंत्री ने सहायक अभियंता के विरुद्ध जांच के आदेश देते हुए इन पंचायतों में काम करने वाले ठेकेदार फर्म रमेश मीणा को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इस फर्म के पास 23 पंचायत समितियों का साफ सफाई का ठेका है।