राजस्थान की गीता सामोता ने रचा इतिहास, माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली CISF की पहली महिला अधिकारी बनीं
सीकर जिले के चक गांव की निवासी गीता सामोता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर इतिहास रच दिया है। गीता केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की पहली महिला अधिकारी बन गई हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है। वर्तमान में वे उदयपुर एयरपोर्ट पर उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट करके गीता सामोता को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया ” राजस्थान की बेटी एवं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की अधिकारी गीता सामोता जी द्वारा माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!
उन्होंने न केवल सीआईएसएफ की पहली महिला अधिकारी के रूप में विश्व के सर्वोच्च शिखर पर भारतीय ध्वज फहराकर इतिहास रचा, बल्कि महिला सशक्तीकरण की भी मिसाल कायम की है। उनकी इस उपलब्धि ने सिद्ध कर दिया कि राजस्थान की बेटियां हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। समस्त देशवासी उनके इस साहस और दृढ़ संकल्प से गौरवान्वित हैं।”
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CISF अधिकारियों के अनुसार, साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली गीता बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह रखती थीं। कॉलेज के दौरान वे हॉकी खेलती थीं, लेकिन चोट के कारण उनका खेल जीवन रुक गया। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2011 में CISF में सेवा शुरू की।
गीता ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई छह माह 27 दिन में पूरी की। पर्वतारोहण के प्रति उनके जुनून की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई, जब उनका चयन भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह के बुनियादी कोर्स के लिए हुआ।
माउंट एवरेस्ट से पहले गीता कई अंतरराष्ट्रीय चोटियों को भी फतह कर चुकी हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोसियस्जको, रूस की माउंट एल्ब्रस, तंजानिया की माउंट किलिमंजारो, अर्जेंटीना की माउंट एकॉनकागुआ और नेपाल की माउंट लोबुचे शामिल हैं। उनकी पहली सफल चढ़ाई वर्ष 2019 में उत्तराखंड की माउंट संतोपंथ पर हुई थी।
गीता की यह उपलब्धि ना केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।